motivation
जीवन को कल्पना की आधारशिला पर जीना बंद करो,
यारों खुदा ने दो हाथ दिए, दो पैर दिए कुछ करना तो शुरू करो,
चार दिन की जिंदगी, जिसमें कल का कुछ पता नहीं,
यारों कुछ आज करना तो शुरू करो।
सांस कब खत्म हो जाए इन साँसों पर भरोसा बंद करो,
नफरतों की दीवारों को खत्म करना शुरू करो,
प्यार की बुंनियाद पर नयी ईंट रखना तो शुरू करो।
तुम नवयुग, नवचेतना, नवनिर्माण की शुरुआत करो,
चार दिन की जिंदगी, जिसमें कल का कुछ पता नहीं,
यारों कुछ आज करना तो शुरू करो।
वृक्षारोपण कर हरियाली की तुम एक शुरुआत करो,
धरती खिल जायेगी, अंबर खिल जाएगा तुम पहल तो करो,
हरा भरा जीवन जीने की तुम एक शुरुआत करो।
चार दिन की जिंदगी, जिसमें कल का कुछ पता नहीं,
यारों कुछ आज करना तो शुरू करो।
यारों खुदा ने दो हाथ दिए, दो पैर दिए कुछ करना तो शुरू करो,
चार दिन की जिंदगी, जिसमें कल का कुछ पता नहीं,
यारों कुछ आज करना तो शुरू करो।
सांस कब खत्म हो जाए इन साँसों पर भरोसा बंद करो,
नफरतों की दीवारों को खत्म करना शुरू करो,
प्यार की बुंनियाद पर नयी ईंट रखना तो शुरू करो।
तुम नवयुग, नवचेतना, नवनिर्माण की शुरुआत करो,
चार दिन की जिंदगी, जिसमें कल का कुछ पता नहीं,
यारों कुछ आज करना तो शुरू करो।
वृक्षारोपण कर हरियाली की तुम एक शुरुआत करो,
धरती खिल जायेगी, अंबर खिल जाएगा तुम पहल तो करो,
हरा भरा जीवन जीने की तुम एक शुरुआत करो।
चार दिन की जिंदगी, जिसमें कल का कुछ पता नहीं,
यारों कुछ आज करना तो शुरू करो।
Nic lines
ReplyDeleteDhanyavad Sir
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