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SOME BEAUTIFUL LINES ...

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1. बात तुमसे केवल और केवल मोहब्बत की थी वरना आज भी खूबसूरत  जिस्म बिकते हैं बाजारों में । 2. खुदा ने क्या तोहफा दिया मेरी मोहब्बत का की उससे जादा उसको लिखने में मोहब्बत हो गयी । 3. बन सको तो किसी की आखिरी मोहब्बत बनों यारों क्योंकि पहली मोहब्बत तो सबको नसीब होती है।

LOVE DIFFICULTIES

हम मिलें तो तुमसे मिलें कैसे प्रिये, तुम मैथ की प्राइम नंबर, और हम कम्पोजिट नंबर,  हम मिलें तो तुमसे मिलें कैसे प्रिये ।         तुम होती प्राइम नंबर, और हम होते कोप्राइम नंबर, फिर तो रेमन्डर भी निकलता प्रिये ।   लेकिन तुम मैथ की प्राइम नंबर, और हम कम्पोजिट नंबर  प्रिये, हम मिलें तो तुमसे मिलें कैसे प्रिये ।   तुम इवन नंबर की महारानी हो, हम ओड नंबर की खादान प्रिये, हम मिलें  तो तुमसे मिलें  कैसे प्रिये ।   तुम tan (90 ) पर रहती हो, हम sin (0) की वैल्यू प्रिये, हम मिलें तो तुमसे मिलें कैसे प्रिये ।     तुम प्रपोशन की बात करती हो, हम रेश्यो से जादा बोलते नहीं, हम मिलें तो तुमसे मिलें कैसे प्रिये ।     तुम काम्प्लेक्स नंबर की वीरांगना हो, हम यूनिट डिजिट की cyclicity प्रिये, हम मिलें तो तुमसे मिलें कैसे प्रिये ।      हम मिलें तो तुमसे मिलें कैसे प्रिये, तुम मैथ की प्राइम नंबर, और हम कम्पोजिट नंबर,  हम मिलें तो तुमसे मिलें कैसे प्रिये ।                   ..............(शुभम सिंह )  

कुछ बातें दिल की --

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                    तुम्हारी परेशानी मेरी हो जाए,  और मेरी परेशानी तुम्हारी हो जाए, फिर क्या जरूरत मोहब्बत करने की, जब बिन मोहब्बत ही मोहब्बत हो जाए ।

दिल की बातें ।

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 कुछ नादान दिल की बड़ी बातें⇛  १                          मैं तुम हो जाऊँ, तुम मैं हो जाओ ।             फिर कम्भख्त देखते हैं मोहब्बत बदनाम कैसे होती है।।  २                     मैं तो इश्क़ का कबूतर हूँ जनाब।                    रोक लो वरना कोइ और उड़ा ले जाएगा ।। ३                        दूर हो तब इतनी है मोहब्बत।             पास होती तो कसम खुदा निचोड़ ही डालते तुम्हें।।

भारत का परिचय ।

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धधकती रहती है ज्वाला अंतर्मन की जिनकी, चिंगारी ही परिचायक होती है जिनकी, अगणित सूरज का तेज समाया है जिनके, रक्त की  धार में भी अकड़ है जिनकी, रणनीति, कूटनीति और  छलनीति भी न कर पाती है  सामना जिनका, बुलंद रहता है हौसला,  होती जय जय कार  हमेशा जिनकी, सेतुनिर्माण जैसे इतिहास होते हैं जिनके, अग्निपरीक्षा  देते भी जलते नहीं हैं पाँव जिनके, शत्रु के चगुंल में भी गूंजती है दहाड़ जिनकी, शेर भी थर थर  काँपते  हैं  सामने जिनके, फिर भी सहज सौम्य दर्शन है उनका, बस इतना ही परिचय है भारत के जन जन का ।।                                                ... शुभम सिंह ।