Posts

Showing posts from November, 2018

तुम आज भी उतनी याद आती हो ।

Image
तुम आज भी उतनी याद आती हो ।  जितनी कल याद आती थी ।  ।   कोई संगीत सुनता हूँ ।  तुम  झट हममें महक सी जाती हो । ।   तुम आज भी उतनी याद आती हो ।  जितनी कल याद आती थी । ।  यह जीवन जो तुम बिन जीता हूँ ।   यहाँ भी अधूरापन बन कर आ जाती हो । ।  तुम आज भी उतनी याद आती हो ।   जितनी कल याद आती थी । ।     जब भी तुमको देखना चाहता हूँ ।  तुम स्वपन बन कर आ जाती हो । ।  तुम आज भी उतनी याद आती हो ।  जितनी कल याद आती थी । ।  मेरी आँखे जो तेरे लिए तरसती है ।   यहाँ भी आंसू बन कर आँखों को छू जाती हो । ।   तुम आज भी उतनी याद आती हो ।   जितनी कल याद आती थी । ।  जब कभी  गम में होता हूँ ।   तब तुम मुस्कराहट बन कर आ जाती हो । ।  तुम आज भी उतनी याद आती हो ।   जितनी कल याद आती थी ।  ।  कभी जब तुमको स्पर्श करना   चाहता हूँ ।  तुम शब्द रूप धर कर मेरी कलम बन जाती हो । ।   तुम आज भी उतनी याद आती हो ।   जितनी कल याद आती थी ।   ।                                                                      . . . शुभम सिंह                                         

child is child

Image
गंगा के छोर पर कुछ बच्चे हाथ पसारे खड़े थे,  ट्रैन ऊपर से अहिस्ता अहिस्ता निकले जा रही थी,  कोई आस्था के नाम पे  सिक्का  फेंक  रहा था, कोई बस बैठे यह सब  देखे ही  जा रहा था,  कोई उन बच्चों को अपना बच्चा जैसा  नहीं  समझ रहा था,  गरीबी उन बच्चों से कही न  जा  रही थी,  और लोगों की अमीरी  हमसे देखे नहीं  जा रही थी,  मुझे सिर्फ खुदा के नाम पे  बस  इक आस्था  दिख रही थी, और इस आस्था पर बच्चों का भरता पेट  दिख रहा था,   शुक्र है खुदा तू है तो तेरी  हर एक  मूरत  सलामत है,  वरना इस दुनिया में  हर मूरत का  तिरस्कार  ही  तिरस्कार  है।।                                                                     . . .  शुभम सिंह