मोहब्बत की डुबकियाँI


किससे बात करते हो मन,

उनसे जिन तक आवाज पहुंचती ही नहीं 

किसको इतना याद करते हो,

 उनको जो तुम्हे  सोचते तक भी नहीं 

किसके लिए इतनी दुआ करते हो,

 उनके लिए जो तुम्हे सिर्फ नफरत की दुकान समझते है 



किसको याद करके तुम मुस्करा जाते हो,

उन्हें जो तुम्हे  आज तक मुस्कराने का मौका भी न दिया 

किसके लिए तुम दुनिया छोड़ने को तैयार हो जाते हो,

 उनके लिए जिनकी दुनिया में तुम हो ही नहीं 


इतनी नफ़रत है जहां, जहां आशा की कोई किरण नहीं,

 फिर भी तुम्हे क्यों फ़िक्र रहती है उनकी 

न ये जान पाया आज तक, पता है आगे भी न जान पाऊंगा,

 फिर भी मेरी साँसों को कदर रहेगी तेरी,

जब तक है जान , जब तक है जान 

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

SOME BEAUTIFUL LINES ...

TERE BINA