मर जावां तुझ पर

क्यों हम उनसे इतनी मोहब्बत कर बैठते है ।


जिन्हे हमारी खबर तक भी नहीं होती है।।


हम तो हर पल उनको अपनी साँसों में उतारा करते है ।

पता है मुझे , उनको मेरे नाम की एक सांस भी नहीं आती है ।।


फिर भी हमारी हर सांस उनके यहां जमा होती है ।


हे खुदा मुझे बता दे , तूने क्यों दी है यह साँसे ।

मुझे तड़पाने के लिए , या मेरी हर सांस को उसकी सांस बनाने के लिए ।।

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