1. बात तुमसे केवल और केवल मोहब्बत की थी वरना आज भी खूबसूरत जिस्म बिकते हैं बाजारों में । 2. खुदा ने क्या तोहफा दिया मेरी मोहब्बत का की उससे जादा उसको लिखने में मोहब्बत हो गयी । 3. बन सको तो किसी की आखिरी मोहब्बत बनों यारों क्योंकि पहली मोहब्बत तो सबको नसीब होती है।
मै वह आशिक नही जो तुझसे रूठ जाऊं, मै वह आशिक नही जो तुझसे किनारा कर जाऊं। मै तो उस दरिये का मीठा पानी हूँ जनाब, जिसे लोग आज भी मोहब्बत की झील कहा करते है।।
वाह भाई साहेब गदर ला दिया अपने
ReplyDeleteDhanyavad Sir
DeleteAre wah shayar sahab gazab
ReplyDeleteDhanyavad Sir
DeleteAre wah shayar sahab gazab
ReplyDeleteWah...👌
ReplyDeleteDhanyavad Sir
DeleteGzb Bhai...
ReplyDeleteDhanyavad Sir
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